याद है बचपन में जब स्कूल जाते समय रास्ते में लोहार की दुकान से हथौड़े की आवाजें आती थीं? या फिर मिट्टी के खिलौने बनाने वाले कुम्हार का चाक घूमता हुआ दिखता था? ये वो कारीगर हैं जो पीढ़ियों से अपने हुनर से न सिर्फ खूबसूरत चीज़ें बनाते आ रहे हैं बल्कि हमारी संस्कृति की धरोहर भी संजोए हुए हैं। लेकिन कई बार इन कारीगरों को अपने हुनर को निखारने और व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए संसाधनों की कमी रह जाती है। यहीं पर भारत सरकार की महत्वाकांशी योजना पीएम विश्वकर्मा योजना 2025(PM Vishwakarma Yojana) सामने आती है।
पीएम विश्वकर्मा योजना पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई है। यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) द्वारा संचालित योजना है। इस लेख में हम इस योजना के विभिन्न पहलुओं, पात्रता मानदंड, आवेदन प्रक्रिया और लाभों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
पीएम विश्वकर्मा योजना क्या है ?
पीएम विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे सितंबर 2023 में लॉन्च किया गया था। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) द्वारा संचालित इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके हुनर को निखारना है।
यह योजना कारीगरों को कौशल विकास प्रशिक्षण, आधुनिक उपकरण प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता, ऋण प्राप्त करने में सहायता, बाजार तक पहुंच बनाने में मदद और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देकर एक समग्र सहायता प्रदान करती है।
इस योजना के तहत 18 पारंपरिक शिल्पों से जुड़े कारीगरों को लाभ मिल सकता है, जिनमें बढ़ईगीरी, लोहारी, सिलाई, कढ़ाई, मूर्तिकला, जुराब बनाना, और बर्तन बनाना जैसे शिल्प शामिल हैं।
सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के माध्यम से कारीगरों की आय में वृद्धि हो, उनके उत्पादों की मांग बढ़े और भारतीय हस्तशिल्प को वैश्विक स्तर पर पहचान मिले।
PM Vishwakarma Yojana के बारे में ताजा घटनाक्रम
यदि आप गूगल पर “पीएम विश्वकर्मा योजना” सर्च करते हैं, तो आप देखेंगे कि यह योजना हिंदी में ट्रेंड कर रही है। इसके अलावा, कई लोग “विश्वकर्मा सिलाई योजना” और “पीएम विश्वकर्मा योजना सिलाई मशीन” जैसी खोजें भी कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि कारीगर इस योजना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इच्छुक हैं, खासकर सिलाई जैसे विशिष्ट कौशल से जुड़े लोग।
हाल ही में, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने घोषणा की है कि वे पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कौशल विकास कार्यक्रमों का दायरा बढ़ाने जा रहे हैं। इसका मतलब है कि अब और भी अधिक प्रकार के पारंपरिक शिल्पों से जुड़े कारीगरों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
आपको सलाह दी जाती है कि आप योजना से जुड़ी ताजा खबरों और अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://pmvishwakarma।gov।in/ और एमएसएमई मंत्रालय की वेबसाइट को समय-समय पर देखते रहें।
Note: हमने पिछले आर्टिकल में पीएम सूर्य घर योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी है पढ़ें
पीएम विश्वकर्मा योजना के प्रमुख क्षेत्र
1) कौशल विकास और उन्नयन (Skill Development and Upgradation)
इस योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू कारीगरों को कौशल विकास और उन्नयन का प्रशिक्षण प्रदान करना है। सरकार द्वारा आयोजित निःशुल्क कार्यक्रमों के माध्यम से कारीगर अपने पारंपरिक कौशल को और निखार सकते हैं तथा आधुनिक तकनीकों को सीख सकते हैं। इन कार्यक्रमों की अवधि 5 से 20 दिनों के बीच होती है और प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को ₹500 प्रतिदिन का वजीफा भी दिया जाता है। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद कारीगरों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाते हैं।
2) टूलकिट प्रोत्साहन (Toolkit Incentive)
कई बार कारीगरों के पास अपने काम के लिए जरूरी उपकरण खरीदने के लिए पर्याप्त धन नहीं होता है। पीएम विश्वकर्मा योजना इस चुनौती का समाधान टूलकिट प्रोत्साहन के रूप में करती है। योजना के तहत, बुनियादी कौशल प्रशिक्षण की शुरुआत में कारीगरों को ₹15,000 तक का ई-वाउचर प्रदान किया जाता है। इस ई-वाउचर का उपयोग सरकारी ई-मार्केटप्लेस या नामित विक्रेताओं से उपकरण खरीदने के लिए किया जा सकता है।
3) ऋण सहायता (Credit Support)
कई कारीगर अपना व्यवसाय बढ़ाना चाहते हैं लेकिन पूं collateral (जमानत) की कमी के कारण उन्हें लोन मिलने में परेशानी होती है। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगरों को बिना किसी जमानत के ₹3 लाख तक का ऋण प्राप्त करने में सहायता प्रदान की जाती है। ऋण की राशि को दो किश्तों में दिया जाता है। पहली किश्त ₹1 लाख तक की होती है, जिसे बुनियादी प्रशिक्षण पूरा करने के बाद प्राप्त किया जा सकता है। दूसरी किश्त प्राप्त करने के लिए उन्नत प्रशिक्षण पूरा करना, ऋण खाते को नियमित बनाए रखना और व्यापार में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना आवश्यक है।
4) बाजार तक पहुंच (Market Access)
कई कारीगरों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए बाजार का अभाव होता है। पीएम विश्वकर्मा योजना कारीगरों को बाजार तक पहुंच बनाने में भी मदद करती है। सरकार द्वारा आयोजित हस्तशिल्प प्रदर्शनियों और हाटों में कारीगरों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और बेचने का अवसर प्रदान किया जाता है। साथ ही, योजना के तहत ऑनलाइन मार्केटिंग पहल भी चलाई जा रही हैं ताकि कारीगरों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने उत्पादों को बेचने में मदद मिल सके।
5) मान्यता और पहचान (Recognition and Identity)
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को उनके हुनर के लिए मान्यता भी प्रदान की जाती है। योजना के तहत पंजीकृत कारीगरों को “पीएम विश्वकर्मा शिल्पकार कार्ड” और फोटो पहचान पत्र जारी किया जाता है। यह कार्ड न केवल कारीगरों की पहचान स्थापित करता है बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं और बैंक ऋणों का लाभ उठाने में भी सहायता करता है।
6) डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा (Promoting Digital Transactions)
आज के डिजिटल युग में ऑनलाइन लेनदेन को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है। पीएम विश्वकर्मा योजना कारीगरों को डिजिटल भुगतान प्रणालियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है। योजना के तहत, जो कारीगर अपने व्यवसाय में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देते हैं उन्हें दूसरी किश्त में ऋण प्राप्त करने में प्राथमिकता दी जाती है।
PM Vishwakarma Yojana के लिए आवेदन कैसे करें (How to Apply)
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करना आसान है। आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं –
ऑनलाइन आवेदन (Online Application):
- आधिकारिक वेबसाइट https://pmvishwakarma।gov।in/ पर जाएं।
- होमपेज पर आपको “आवेदन करें” (Apply) का बटन दिखाई देगा। इस बटन पर क्लिक करें।
- अब आपके सामने एक नया पेज खुलेगा। यहां आपको “सीएससी लॉगिन” (CSC Login) का विकल्प दिखाई देगा।
- यदि आप एक कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालक हैं, तो आप सीएससी लॉगिन का उपयोग करके कारीगरों को योजना के लिए पंजीकृत कर सकते हैं।
- यदि आप सीएससी संचालक नहीं हैं, तो आपको सीधे आवेदन करने के लिए “स्वयं शिल्पकार पंजीकरण” (Self Artisan Registration) के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- स्वयं शिल्पकार पंजीकरण फॉर्म में, आपको अपना आधार कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल पता (यदि उपलब्ध हो) जैसी व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करनी होगी।
- इसके बाद, आपको एक ओटीपी (OTP) प्राप्त होगा जिसे आपको फॉर्म में दर्ज करना होगा।
- ओटीपी सत्यापन के बाद, आपको अपने आधार कार्ड से जुड़े पते सहित विस्तृत पंजीकरण फॉर्म को भरना होगा।
- आपको अपने पेशे का चयन करना होगा और अपने व्यापार का पता दर्ज करना होगा (यदि यह आपके आधार पते से अलग है)।
- इसके बाद, आपको अपने बैंक खाते का विवरण दर्ज करना होगा, जिसमें खाता संख्या और IFSC कोड शामिल है।
- यदि आपको ऋण सहायता की आवश्यकता है, तो आप उस राशि का उल्लेख कर सकते हैं जिसकी आपको आवश्यकता है और उस बैंक/शाखा का चयन कर सकते हैं जहां से आप ऋण प्राप्त करना चाहते हैं।
- यदि आपके पास यूपीआई आईडी है, तो आप उसे भी दर्ज कर सकते हैं।
- योजना के लाभों की समीक्षा करने के बाद, आपको कौशल विकास और टूलकिट अनुभागों के लिए सहमति देनी होगी।
- अंत में, आपको घोषणा पत्र और नियमों और शर्तों को स्वीकार करना होगा और फॉर्म जमा करना होगा।
- फॉर्म जमा करने के बाद, आपको एक पंजीकरण संख्या प्राप्त होगी जिसे भविष्य के संदर्भ के लिए संभाल कर रखें।
ऑफलाइन आवेदन (Offline Application):
- आप अपने क्षेत्र के कौशल विकास केंद्र या उद्योग विभाग से संपर्क कर सकते हैं और वहां से पीएम विश्वकर्मा योजना का आवेदन फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं।
- फॉर्म को पूरा भरें और आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करें।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज (Required Documents):
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- जाति प्रमाण पत्र (यदि आवश्यक हो)
- विकलांगता प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- बैंक खाता पासबुक की फोटोकॉपी
पीएम विश्वकर्मा योजना के आवेदन की अंतिम तिथि:
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं है। आप किसी भी समय योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, यह सलाह दी जाती है कि आप जल्द से जल्द आवेदन कर दें ताकि आप योजना के लाभों का जल्द से जल्द लाभ उठा सकें।
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आवेदन की स्थिति की जांच कैसे करें (How to Check Application Status of PM Vishwakarma Yojana ):
आप ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर अपने आवेदन की स्थिति की जांच कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपना पंजीकरण नंबर दर्ज करना होगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना सहायता राशि (Subsidy Amount):
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि इस प्रकार है:
- कौशल विकास प्रशिक्षण के दौरान वजीफा: ₹500 प्रतिदिन
- टूलकिट प्रोत्साहन: ₹15,000 तक का ई-वाउचर
- ऋण सहायता: बिना किसी जमानत के ₹3 लाख तक का ऋण
PM Vishwakarma Yojana के बारे में विशेषज्ञ युक्तियाँ और सलाह
एक अनुभवी लेखक और पीएम विश्वकर्मा योजना से जुड़े मामलों के जानकार के रूप में, मैं आपको योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव देना चाहता हूं:-
- अपने कौशल का सही चयन करें: आवेदन करते समय, सुनिश्चित करें कि आप अपने पारंपरिक कौशल का सही चयन करते हैं। योजना के तहत आने वाले 18 शिल्पों की सूची से अपना कौशल चुनें।
- पूरे दस्तावेज जमा करें: सुनिश्चित करें कि आप आवेदन फॉर्म के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करते हैं। किसी भी दस्तावेज की कमी आपके आवेदन को अस्वीकृत कर सकती है।
- कौशल विकास प्रशिक्षण में भाग लें: कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल आपके कौशल को निखारते हैं बल्कि आपको प्रमाण पत्र भी प्रदान करते हैं जो भविष्य में आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
- ऋण का बुद्धिमानी से उपयोग करें: यदि आप ऋण सहायता का लाभ उठा रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप उसका बुद्धिमानी से उपयोग करते हैं। ऋण का उपयोग अपने व्यवसाय को बढ़ाने और उपकरण खरीदने के लिए करें।
- अपने बैंक खाते का उपयोग करें: योजना के तहत मिलने वाले लाभ और ऋण राशि आपके बैंक खाते में ही जमा की जाएगी। इसलिए, सुनिश्चित करें कि आपका बैंक खाता सक्रिय है और उसमें लेन-देन होता रहता है।
- डिजिटल लेनदेन को अपनाएं: डिजिटल भुगतान प्रणालियों को अपनाने से आपको न केवल दूसरी किश्त में ऋण प्राप्त करने में प्राथमिकता मिलेगी बल्कि यह आपके व्यवसाय को भी आधुनिक बनाएगा।
सामान्य प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1) पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पात्र कौन है?
उत्तर: 18 पारंपरिक शिल्पों से जुड़े कारीगर पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पात्र हैं। इसमें बढ़ईगीरी, लोहारी, सिलाई, कढ़ाई, मूर्तिकला, जुराब बनाना, और बर्तन बनाना जैसे शिल्प शामिल हैं।
प्रश्न 2) इस योजना के तहत क्या लाभ मिलते हैं?
उत्तर: इस योजना के तहत कारीगरों को कौशल विकास प्रशिक्षण, टूलकिट प्रोत्साहन, ऋण सहायता, बाजार तक पहुंच, मान्यता और पहचान, और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने में सहायता प्रदान की जाती है।
प्रश्न 3) पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
उत्तर: आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://pmvishwakarma।gov।in/ पर जाएं और “स्वयं शिल्पकार पंजीकरण” (Self Artisan Registration) के विकल्प पर क्लिक करें। ऑफलाइन आवेदन के लिए अपने क्षेत्र के कौशल विकास केंद्र या उद्योग विभाग से संपर्क करें।
प्रश्न 4) पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करने की कोई अंतिम तिथि है?
उत्तर: नहीं, पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करने की कोई अंतिम तिथि नहीं है। आप किसी भी समय योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
प्रश्न 5) मैं अपनी आवेदन स्थिति की जांच कैसे कर सकता हूं?
उत्तर: आप ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर अपने आवेदन की स्थिति की जांच कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपना पंजीकरण नंबर दर्ज करना होगा।
निष्कर्ष
पीएम विश्वकर्मा योजना भारत सरकार का एक सराहनीय प्रयास है जिसका उद्देश्य पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को सशक्त बनाना है। यह योजना कौशल विकास, वित्तीय सहायता, बाजार तक पहुंच और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देकर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में मदद करती है।
यदि आप एक पारंपरिक शिल्पकार हैं, तो मैं आपको इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। यह योजना न केवल आपके कौशल को निखारने में मदद करेगी बल्कि आपके व्यवसाय को आगे बढ़ाने में भी सहायक होगी।
आपको यह लेख कैसा लगा? क्या आपके मन में कोई प्रश्न हैं? नीचे कमेंट में जरूर बताएं।
आपको प्रोत्साहित किया जाता है कि आप पीएम विश्वकर्मा योजना की आधिकारिक वेबसाइट और MSME मंत्रालय की वेबसाइट को समय-समय पर अपडेट के लिए देखते रहें।